नवग्रह समिधा
हमारे जीवन में हर छोटी बड़ी घटनाओ के पीछे ग्रहो की चाल व ग्रहो की स्थति एक बहोत बड़ा कारन है| ग्रहो की दशा , अन्तर्दशा में मिलने वाले अच्छे, बुरे परिणामो को संतुलित करने के लिए , कुप्रभावों से सुरक्षा के लिए ग्रहो की शांति करवाई जाती है। ज्योतिषचार्यों के मत व शास्त्रों के अनुसार ग्रहो की शांति व ग्रहो को प्रसन्न करने के लिए हवन , पूजन करवाया जाये तो वह नवग्रह समिधा से ही करवाया जाये तो निश्चित ही फल प्राप्त होता है ।
नवग्रह समिधा ग्रहो के अनुसार
सूर्य : आंक (काष्ठ)
चंद्र : पलाश (खाखरा )
मंगल : खदिरा (खैर का काष्ठ )
बुध : अपामार्ग (अपामार्ग की काष्ठ )
गुरु : पीपल (पीपल के पेड़ की लकडिया)
शुक्र : ओदुम्बर (गूलर – ओदुम्बर की लकडिया)
शनि : शमी (खिजड़ा का काष्ठ)
राहु: दूर्वा (दूर्वा)
केतु : (दरभा)